भोजपुरी फिल्मों में उम्दा अभिनय करने वाले अभिनेता सुदीप पांडे (Sudip Pandey)के निधन की खबर है। परिवार के अनुसार हार्ट अटैक पड़ने के कारण बुधवार सुबह 11 बजे उनका निधन हुआ है।इस खबर के सामने आते ही फैंस समेत पूरी इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई। कुछ दिनों पहले वह अपनी एक अपकमिंग फिल्म की शूटिंग में भी व्यस्त थे।
भोजपुरी एक्टर सुदीप पांडे(Sudip Pandey) पहले मुंबई के अंधेरी में रहते थे लेकिन इन दिनों वह तलोजा में रहने लगे। अब उनकी मौत स्वाभाविक है या मामला कुछ और है यह जांच के बाद ही सामने आएगा। अभी परिवार वालों का कहना है कि उनका निधन हार्ट अटैक से हुआ है।
सुदीप पांडे (Sudip Pandey)बिहार, गया के रहनेवाले थे और कहा जाता है कि उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी की थी। इतना ही नहीं, उन्होंने कई सॉफ्टवेयर कम्पनियों में नौकरी भी की थी। उन्होंने अपनी पढ़ाई भी यहीं से की थी। इंजीनियरिंग में स्नातक होने के बाद, वह कुछ समय तक भारत और अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम कर चुके थे। उन्होंने कई फर्मों में चार साल तक काम किया। हालांकि, फिल्मों में उनका झुकाव शुरू से था। इसी वजह से उन्होंने अभिनय में अपनी किस्मत आजमाई।
सुदीप ने 2007 में भोजपुरी फिल्म ‘भोजपुरिया भईया’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी, जिसे उन्होंने खुद प्रोड्यूस भी किया था। अमेरिका से वापस लौटने के बाद उन्होंने इस फिल्म पर काम शुरू किया था। इस फिल्म ने सफलता हासिल की और इसके बाद उन्होंने भोजपुरी सिनेमा में कई हिट फिल्में कीं।उन्होंने ‘भोजपुरिया दरोगा’, ‘मसीहा बाबू’, ‘हमार संगी बजरंगबली’ और ‘हमार ललकार’ जैसी कई फिल्में की थीं।

सुदीप पांडे (Sudip Pandey)ने बिहार के पर्यटन के ब्रांड एंबेसडर के रूप में ‘बिहार एक खोज’ नाम के कार्यक्रम की मेजबानी भी की थी। उन्होंने कई टीवी धारावाहिकों में भी अभिनय किया, जिनमें ‘सात वचन सात फेरे’, ‘खानदान’, ‘पुलिस फाइल्स’, ‘कहीं का हाल बा’ शामिल हैं।सुदीप को उनके काम के लिए कई पुरस्कार भी मिले थे, जिनमें भोजपुरी पुरस्कार समारोह 2008, प्रज्ञा विभूषण पुरस्कार 2011 और भोजपुरी सम्मान समारोह 2009 में अभिमन्यु पुरस्कार शामिल हैं।