मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत लोन पास न करने पर गुरुवार को गाजियाबाद (Ghaziabad ) के जिलाधिकारी ने सभी बैंकर्स को विकास भवन सभागार में बंदी बना लिया। शाम को हुई बैठक के बाद उन्होंने कहा कि जब तक लोन के आवेदन पास नहीं करोगे तब तक यहीं रहना होगा। विकास भवन सभागार में बाहर से ताला लगाकर अंदर उनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। देर रात तक अगर सभी आवेदन नहीं हुए तो उनके सोने की भी व्यवस्था वहीं कराई जाएगी।
गाजियाबाद (Ghaziabad ) के जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि बैंकर्स के पास 403 आवेदन भेजे गए थे जिसमें से 365 आवेदन फारवर्ड भी हो गए लेकिन महज 50 आवेदन इन्होंने पास किए। जिलाधिकारी के ताला लगाने के बाद तत्काल 11 आवेदन पास किए गए। जिलाधिकारी ने सभी को कमरे में बंदकर उनके खाने-पीने की व्यवस्था कराई है। उन्होंने सभी से कहा है कि वह रात नौ बजे तक एक बार फिर निरक्षण करने आएंगे उस समय तक अगर लोन पास हो गए तो वह घर जा सकेंगे नहीं तो रात में सोने की भी व्यवस्था कराई जाएगी।
सख्ती का असर यह रहा कि रात आठ बजे तक 98 में से 56 मामलों में लोन पास कर दिया गया, 21 आवेदन निरस्त किए गए। 21 आवेदन एसबीआइ बैंक से संबंधित लंबित बचे, जिनके निस्तारण के लिए बैंक के एजीएम राहुल झा को विकास भवन से गाड़ी भेजकर बैंक से बुलाया गया, वे सभागार में रात साढे़ आठ बजे तक रुककर लंबित प्रकरणों का निस्तारण करते नजर आए।
गाजियाबाद (Ghaziabad ) के सीडीओ अभिनव गोपाल से कहा कि यदि रात नौ बजे तक लंबित मामलों का शत प्रतिशत निस्तारण नहीं हुआ तो संबंधित बैंक के अधिकारी सभागार में ही रात में रहकर कार्य करेंगे। बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए रजाई, गद्दों की व्यवस्था कर दी जाए। जिलाधिकारी के जाने के बाद रजाई, गद्दे मंगा लिए गए। ज्यादातर लंबित प्रकरण सर्व यूपी ग्रामीण बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एक्सिस बैंक और एसबीआई के थे।