मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) जमीन घोटाला केस में ( Karnataka) के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ( Siddaramaiah) और अन्य की 300 करोड़ कीमत की अचल संपत्तियां जब्त की हैं। यह जानकारी शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दी।
संघीय एजेंसी ने शुक्रवार को बताया कि अटैच की गई संपत्तियां विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर पंजीकृत हैं, जो रियल एस्टेट व्यवसायी और एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ( Siddaramaiah) व उनके सहयोगियों का भी नाम जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर आरोप है कि उन्होंने मुडा द्वारा अधिग्रहित करीब 3 एकड़ जमीन के बदले अपनी पत्नी बीएम पार्वती के नाम पर 14 साइटों के लिए मुआवजा पाने के लिए अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल किया था।
यह भूमि मूल रूप से मुडा की ओर से 3 लाख 24 हजार 700 रुपये में अधिग्रहित की गई थी। पॉश इलाके में 14 साइटों के रूप में मुआवजे की कीमत 56 करोड़ रुपये है। आरोप है कि पार्वती को मुआवजा स्थलों के अवैध आवंटन में पूर्व मुडा आयुक्त डी बी नटेश ने प्रमुख भूमिका निभाई थी।
इस मामले में कर्नाटक लोकायुक्त द्वारा पूछताछ किए जाने के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ( Siddaramaiah)ने बार-बार अपने या अपने परिवार द्वारा किसी भी तरह के गलत काम से इन्कार किया है। उन्होंने कहा है कि विपक्ष उनसे डरा हुआ है और ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। ईडी की जांच में पाया गया कि पार्वती को आवंटित 14 साइटें मुडा की ओर से रियल एस्टेट व्यवसायियों को मुआवजे के रूप में अवैध तरीकेसे आवंटित की गई हैं। बाद में इन साइटों को भारी लाभ पर बेच दिया गया और बेहिसाब नकदी अर्जित की गई।

ईडी ने दावा किया कि लाभपात्रियों ने इस धन को वैध स्रोतों से प्राप्त दिखाया है, जबकि यह जमीनें बेनामी और डमी लोगों के नाम पर आवंटित की गई हैं। एजेंसी ने कहा कि छापेमारी के दौरान तत्कालीन मुडा अध्यक्ष और मुडा आयुक्त को अचल संपत्ति, मुडा स्थल, नकदी आदि के रूप में रिश्वत देने के साक्ष्य बरामद किए गए हैं। एजेंसी ने यह भी कहा कि मुडा के पिछले आयुक्त जीटी दिनेश कुमार ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति, लग्जरी वाहन आदि की खरीद के लिए एक सहकारी समिति के माध्यम से धन भेजा था।