बॉलीवुड ( Bollywood) अभिनेत्री ममता कुलकर्णी(Mamta Kulkarni) महाकुंभ (Mahakumbh)में किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर बन गई हैं। उन्होंने शुक्रवार को प्रयागराज में संगम तट पर पिंडदान किया। अब वह यामाई ममता नंद गिरि कहलाएंगी। उनका सिर्फ पट्टाभिषेक रह गया है।
53 साल की ममता (Mamta Kulkarni)आज सुबह ही महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा पहुंची थीं। उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया। दोनों के बीच करीब एक घंटे तक महामंडलेश्वर बनने को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद किन्नर अखाड़ा ने उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी देने का ऐलान किया।इसके बाद महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ममता को लेकर अखिल भारतीय अखाड़े के अध्यक्ष रविंद्र पुरी के पास पहुंचीं। ममता (Mamta Kulkarni)और पुरी के बीच काफी देर तक बातचीत हुई। इस दौरान किन्नर अखाड़े के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। फिर उनके महामंडलेश्वर बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। किन्नर अखाड़े ने ममता को महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर पूरी गोपनीयता बरती है।
ममता (Mamta Kulkarni)साध्वी के रूप में महाकुंभ में शामिल हुईं। वह भगवा कपड़े पहनी दिखीं। उन्होंने गले में रुद्राक्ष की दो बड़ी माला पहन रखी थी। कंधे पर भगवा झोला भी टांग रखा था।
ममता कुलकर्णी ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य होगा कि महाकुंभ की पवित्र बेला में संन्यास लिया। मैंने 23 वर्ष पहले अपने गुरु श्री चैतन्य गगन गिरि से कुपोली आश्रम में दीक्षा ली थी। अब पूरी तरह से संन्यासिनी बन गई हूं।
पिंडदान करने के बारे में कहा, ये महादेव और महाकाली का आदेश था। मेरे गुरु का आदेश था। आज का दिन उन्होंने चुना। मैंने कुछ नहीं किया। यह ऊपर वाले और गुरु की कृपा से संभव हुआ है। मैंने संन्यासिनी के रूप में नए जीवन में प्रवेश किया है। समर्पित भाव से किन्नर, सनातन धर्म और महिलाओं के हित में काम करूंगी।
ममता(Mamta Kulkarni) ने कहा कि महाकुंभ में आना और यहां की भव्यता को देखना उनके लिए बहुत ही यादगार पल है। यह मेरा सौभाग्य होगा कि महाकुंभ की इस पवित्र बेला में मैं भी साक्षी बन रही हूं। संतों के आशीर्वाद प्राप्त कर रही हूं। जब ममता किन्नर अखाड़े पहुंची तो उन्हें देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। उनके साथ सेल्फी और फोटो लेने के लिए लोगों में होड़ मच गई।
भारतीय सिनेमा में फिल्म तिरंगा (1992) से अपने करियर की शुरुआत करने वाली ममता कुलकर्णी(Mamta Kulkarni) एक फेमस अभिनेत्री और मॉडल रह चुकी हैं। ममता कुलकर्णी का जन्म मराठी ब्राह्मण परिवार में 20 अप्रैल 1972 को मुंबई में हुआ था।
ममता कुलकर्णी को 1993 में फिल्म आशिक आवारा के लिए फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला था। इसके अलावा, ममता कुलकर्णी सबसे बड़ा खिलाड़ी, करन-अर्जुन, वक्त है हमारा और बाजी आदि फिल्मों के लिए भी जाना जाता है।कुलकर्णी ने 2002 में बॉलीवुड इंडस्ट्री से नाता तोड़ लिया था।अब वे अध्यात्म की तरफ मुड़ गई हैं। यूं तो वे दुबई में रहती हैं।