भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे(IIT Bombay )के पूर्व छात्र दंपति ने अपने मातृ संस्थान को 11 मिलियन डॉलर यानी करीब 95 करोड़ रुपए का दान देने का संकल्प लिया है। संस्थान की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है कि दंपति के योगदान का प्रमुख केंद्र इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में विद्या शर्मा चेयर प्रोफेसरशिप है जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में महिला संकाय सदस्यों का समर्थन करने के लिए समर्पित है। पूर्व छात्र दंपति जितेंद्र मोहन और स्वप्ना सामंत ने यह दान दिया है।
मोहन से 1994 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया था जबकि स्वप्ना ने संस्थान से 1995 में सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। दान सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी में आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay )के नेतृत्व को आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जिसमें मोहन ने असाधारण सफलता हासिल की है। बता दें कि आईआईटी मुंबई ने सेमीएक्स रिसर्च नाम के एक आधुनिक पहल की है जिसके तहत सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में नवाचार और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है जिससे भारत इस क्षेत्र में वैश्विक नेता बनकर उभरे।
संस्थान ने जानकारी दी है कि दंपति से दान में मिलने वाली रकम का इस्तेमाल आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay )के हॉस्टल 9 के पुनर्विकास के लिए किया जाएगा। इसी हॉस्टल में मोहन ने अपनी पढ़ाई पूरी की थी। संस्थान को उम्मीद है कि मोहन का यह कदम भविष्य के विद्यार्थियों को सुविधा के साथ प्रेरणा भी देगा।
पूर्व छात्र दंपति की ओर से जारी बयान में कहा गया कि आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay )ने जीवन के सबसे अहम वर्षों के दौरान हमें आकार दिया और दीर्घकालिक व्यावसायिक सफलता के लिए एक मजबूत आधार प्रदान किया। संस्थान में रहते हुए हमने अद्भुत दोस्त बनाए जो आज भी हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं। संस्थान से हमने जो कुछ भी प्राप्त किया है उसके लिए आभारी हैं। इसलिए हम संस्थान के शैक्षणिक विकास और विद्यार्थियों के कल्याण के लिए कुछ योगदान देना चाहते हैं।