Saturday, April 19, 2025

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चिकित्सा और शोध के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए  किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद को पद्मश्री सम्मान

Lucknow KGMU Vice Chancellor Prof. Sonia Nityananda Honored With Padmashree

  के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद(Prof. Sonia Nityananda)ने पिता डॉ. नित्यानंद की तरह पद्मश्री पुरस्कार हासिल करके लखनऊ का नाम रोशन किया है। डॉ. सोनिया गर्भनिरोधक दवा सहेली के जनक और केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान के मशहूर वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. नित्यानंद की बेटी हैं। प्रो. सोनिया नित्यानंद के नाम एसजीपीजीआई में हिमेटोलॉजी विभाग शुरू करने की बड़ी उपलब्धि भी है।

प्रो. सोनिया नित्यानंद(Prof. Sonia Nityananda)ने पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुने जाने पर सभी का आभार जताया है। वे प्रो. सरोज चूड़ामणि के बाद केजीएमयू की बागडोर संभालने वाली दूसरी महिला कुलपति हैं। इससे पहले वे लोहिया संस्थान की निदेशक भी रह चुकी हैं। प्रो. सोनिया ने पढ़ाई केजीएमयू से ही की है।

प्रो. सोनिया नित्यानंद(Prof. Sonia Nityananda) मूलरूप से एसजीपीजीआई में हिमेटोलॉजी विभाग की शिक्षक हैं। पद्मश्री के लिए उनका चयन होने पर केजीएमयू, लोहिया संस्थान के साथ ही एसजीपीजीआई में भी खुशी की लहर है। केजीएमयू में उन्हें सर्वश्रेष्ठ मेडिकल विद्यार्थी के रूप में चांसलर पदक भी दिया था। उन्हें बायोटेक्नोलॉजी विभाग की ओर से वर्ष 2003-04 के लिए राष्ट्रीय जैव विज्ञान कॅरियर पुरस्कार, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी की ओर से यंग वैज्ञानिक पुरस्कार, एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन ऑफ इंडिया, डॉ. जेसी पटेल, डॉ. बीसी मेहता पुरस्कार और डॉ. एनएन गुप्ता स्वर्ण पदक भी मिल चुके हैं।

पद्मश्री सम्मान के बाद केजीएमयू, लोहिया संस्थान और एसजीपीजीआई में खुशी का माहौल है। प्रो. सोनिया की इस उपलब्धि ने लखनऊ के चिकित्सा संस्थानों की प्रतिष्ठा को और मजबूत किया है।

प्रो. सोनिया नित्यानंद(Prof. Sonia Nityananda), मशहूर वैज्ञानिक और गर्भनिरोधक दवा ‘सहेली’ के जनक पद्मश्री डॉ. नित्यानंद की बेटी हैं। डॉ. नित्यानंद, जो केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) से जुड़े थे, को चिकित्सा और शोध में योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। अब उनकी बेटी ने यह सम्मान पाकर परिवार की दूसरी पीढ़ी को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया है।

पद्मश्री के लिए चुने जाने पर प्रो. सोनिया नित्यानंद(Prof. Sonia Nityananda)ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “यह पुरस्कार मेरे पिता के पदचिन्हों पर चलने और मेरे कार्यों को मान्यता देने का प्रतीक है। मैं अपने सहयोगियों, परिवार और संस्थानों की आभारी हूं।”डॉ. नित्यानंद का नाम भारतीय चिकित्सा और फार्माकोलॉजी के क्षेत्र में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। उनकी खोज, ‘सहेली’ दवा, महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण रही। उनकी इस खोज को आज भी चिकित्सा जगत में मील का पत्थर माना जाता है। उनकी बेटी प्रो. सोनिया नित्यानंद ने पिता की तरह चिकित्सा क्षेत्र में अपने योगदान से नई ऊंचाइयों को छुआ है।

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.