आज देशभर में 76वां गणतंत्र दिवस ( Republic Day)मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ( President Droupadi Murmu ) ने कर्तव्य पथ ( Kartavya Path) पर तिरंगा फहया, 21 तोपों की सलामी दी गई, उसके बाद परेड की शुरुआत हुई।
राष्ट्रपति मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सहित वहां मौजूद सभी गणमान्य लोगों ने झंडे को सलामी दी. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं।
द्रौपदी मुर्मू इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के साथ बग्घी में बैठकर कर्तव्य पथ पहुंची। उनसे पहले पीएम मोदी कर्तव्य पथ पर आए। पीएम ने वहां मौजूद गेस्ट से मुलाकात की।
भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में भारतीय सेना का भव्य मार्च कर्तव्य पथ पर हुआ, जो पूरे देशवासियों के लिए गर्व का क्षण था। इस अवसर पर भारतीय सेना के विभिन्न रेजीमेंट्स और यूनिट्स ने अपनी शक्ति और एकता का प्रदर्शन किया। गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत माउंटेड कॉलम से हुई, जिसका नेतृत्व 61 कैवलरी ने किया। इस कॉलम का नेतृत्व लेफ्टिनेंट आहान कुमार ने किया। इसके बाद नौ मैकेनाइज्ड कॉलम और नौ मार्चिंग कंटिजेंट्स ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें भारतीय सेना के विभिन्न प्रमुख दस्तों का हिस्सा शामिल था।

परेड में हिस्सा लेने वाले प्रमुख दस्तों में गार्ड्स ब्रिगेड, जाट रेजीमेंट, गढ़वाल राइफल्स, महार रेजीमेंट, जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजीमेंट और सिग्नल कोर जैसे प्रमुख और प्रतिष्ठित यूनिट्स शामिल थे। इन दस्तों ने अपने अद्भुत समर्पण और अनुशासन से कर्तव्य पथ पर मार्च किया, जो भारतीय सेना की शक्ति और साहस का प्रतीक था।कैप्टन सूरज सिंह के नेतृत्व में ब्रह्मोस मिसाइल की टुकड़ी ने मार्च किया। यह मिसाइल अपनी सटीकता और उल्लेखनीय क्षमता इस मिसाइल को खास बनाता है। साथ ही आकाश मिसाइल की टुकड़ी ने भी कर्तव्य पथ पर मार्च किया। इंडोनेशियाई सैन्य अकादमी (अकमिल) के 190 सदस्यीय बैंड जेंडरंग सुलिंग कांका लोकानंता और इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सशस्त्र बलों (टीएनआई) की सभी शाखाओं के 152 कर्मियों वाली मार्चिंग टुकड़ी ने परेड में भाग लिया।
इस अवसर पर विभिन्न राज्यों, संस्कृतियों और परंपराओं के रंग भी देखने को मिले, जिन्होंने देश की विविधता को एक साथ प्रस्तुत किया। गणतंत्र दिवस का यह दिन भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और संविधान के प्रति सम्मान को दर्शाता है, जो भारतीय समाज के मूलभूत सिद्धांतों और स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में स्थापित है।
Karnataka’s tableau showcased during the 76th #RepublicDay Parade on Kartavya Path, in Delhi The tableau celebrates the historic town of Lakkundi, located in the Gadag district, often referred to as the “Cradle of Stone Craft.”#RepublicDayParade #76thRepublicDay… pic.twitter.com/XGhqYtFnix
— DD News (@DDNewslive) January 26, 2025