वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman) आज रिकॉर्ड आठवां लगातार रुपये 50.65 लाख करोड़ का बजट पेश किया। बजट में वित्त मंत्री ने किसानों और एमएसएमई सेक्टर के लिए कई अहम एलान किए। वित्त मंत्री ने अपने पिटारे से बिहार के लिए कई अहम योजनाओं का एलान किया है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने मध्यम वर्ग को बड़ा तोहफा देते हुए 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगाने का एलान किया है। उनके इस फैसले से एक करोड़ लोगों को फायदा होगा।
सीतारमण ( Nirmala Sitharaman) ने 77 मिनट के भाषण में 9 बार बिहार का जिक्र कर राज्य के लिए मखाना बोर्ड बनाने समेत कई घोषणाएं कींं। राज्य में साल के आखिर में चुनाव होने हैं। वे बजट भाषण के लिए राज्य की प्रसिद्ध मधुबनी साड़ी पहनकर पहुंची थीं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman) ने बजट पेश करने के बाद प्रेस कांफ्रेस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि बजट में आयकर सीमा में बदलाव के माध्यम से हमारी सरकार ने लोगों की जेब में पैसे डाले हैं। आयकर छूट की सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है। इस फैसले के चलते अब एक करोड़ करदाताओं को टैक्स नहीं देना होगा।
वित्त मंत्री ने बजट के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेस में कहा कि इस कदम बाद लोगों के पास पैसे बचेंगे। सरकार ने लोगों को राहत देने का काम किया है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि 75 फीसदी करदाता नई कर योजना को अपना चुके हैं और उम्मीद की जाती है कि बाकी बचे करदाता भी इसे अपनाएंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि 12 लाख रुपये तक की आमदनी पर अब कोई आयकर नहीं लगेगा। इसमें जब स्टैंडर्ड डिडक्शन भी जोड़ देंगे तो वेतनभोगी लोगों के लिए 12.75 लाख रुपये की करयोग्य आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वित्त मंत्री ने कहा है कि इस फैसले से मध्यम वर्ग पर करों को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी। उनके पास अधिक पैसा छोड़ने, घरेलू खपत, बचत और निवेश बढ़ाने का मौका होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण( Nirmala Sitharaman) ने एलान किया है सभी करदाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए आयकर स्लैब और दरों में बदलाव किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा है कि नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख की आय तक शून्य आयकर लगेगा। मध्यम वर्ग पर सरकार ने विशेष ध्यान दिया है और व्यक्तिगत आयकर प्रणाली में सुधार किया है।
वित्त मंत्री के बजट 2024 के अनुसार पहले किसी करदाता की सालाना आय 7 लाख 75 हजार रुपये तो स्टैंडर्ड डिडक्शन के 75,000 रुपये घटाने के बाद उसकी आमदनी 7 लाख रुपये सालाना हो जाती थी। ऐसे में उसे कोई टैक्स नहीं देना पड़ता था। इसका मतलब है अगर किसी व्यक्ति का मासिक वेतन 64000 या 64500 रुपये के आसपास थी तो नई कर प्रणाली के तहत उसकी आमदनी टैक्स फ्री थी।