तीन साल पुराने श्रद्धा वाकर हत्याकांड का फैसला अभी तक नहीं आया, लेकिन श्रद्धा के पिता विकास वाकर( Vikas Walker ) का रविवार को मुंबई ( Mumbai) में हार्ट अटैक से निधन हो गया।विकास अपनी बेटी का केस लड़ रहे थे।वही अपने परिवार के साथ मुंबई के पास वसई में रहते थे।
उन्हें बेटी की अस्थियों का इंतजार था ताकि उसका अंतिम संस्कार कर पाते। मगर श्रद्धा की हड्डियां केस प्रॉपर्टी (सबूत के तौर पर रखी गईं) बन चुकी थी।
विकास वाकर ( Vikas Walker ) अपनी बेटी का अंतिम संस्कार करने के लिए जीवन के अंतिम क्षणों तक परेशान रहे। वो इस वजह से डिप्रेशन में चले गए थे। लेकिन पुलिस कानूनी पेच की वजह से शव के अवशेष उन्हें नहीं मिल पाया। चूंकि श्रद्धा के शव के अवशेष ही इस हत्याकांड के प्रमुख साक्ष्य है, इसलिए दिल्ली पुलिस ने इन्हें उनके परिजनों को नहीं सौंपा। ।बता दें कि लगभग 6 महीने बाद इस हत्याकांड का खुलासा हुआ था।
18 मई, 2022 की रात श्रद्धा वालकर का लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला ने मर्डर कर दिया था। 2 दिन तक आफताब इंटरनेट पर डेडबॉडी ठिकाने लगाने के तरीके सर्च करता रहा।मर्डर केस का खुलासा 12 नवंबर 2022 में हुआ था।
19 मई को घर से निकला, 300 लीटर का बड़ा फ्रिज और आरी लेकर लौटा। श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े करके फ्रिज में रख दिए। फिर बैग में भरकर उन्हें छतरपुर के जंगलों में फेंक दिया था तीन साल हो गए, श्रद्धा मर्डर केस में फैसला नहीं आया। केस की सुनवाई दिल्ली के साकेत कोर्ट में हो रही है। अभी ट्रायल चल रहा है। डॉक्टर, श्रद्धा के दोस्त और डिलिवरी बॉय की गवाही हो चुकी है।

मीडिया रिपोर्ट में बताया है कि विकास वाकर दिल्ली आये, तव उन्होंने कहा था, ‘जब कोर्ट में आता हूं और आफताब को जिंदा देखता हूं’, तो बहुत अजीब लगता था। गुस्सा भी आता है, लेकिन क्या कर सकता हूं। लॉरेंस बिश्नोई अगर आफताब के साथ कुछ करता है, तो मुझे बहुत शांति मिलेगी। मेरी बेटी को भी शांति मिलेगी।’
‘उसे कब सजा मिलेगी, कितना समय लगेगा, अभी नहीं पता। हर बार कह देते हैं कि 2 से 3 महीने में सजा हो जाएगी। 4-5 महीने पहले भी यही कहा गया था।’मुझे कभी नहीं लगा कि आफताब को कभी पछतावा हुआ हो, न ही वो कभी डरा हुआ लगा। वो ऐसे दिखाता है जैसे उसने कुछ किया ही नहीं है।’
श्रद्धा के पिता विकास वाकर ( Vikas Walker )उस वक्त बात करते हुए कई बार इमोशनल भी हुए थे। बेटी का अंतिम संस्कार न कर पाने का मलाल उनके मन में ही रह गया। उन्होंने कहा था, ‘मैं कोर्ट से पहले भी डिमांड कर चुका हूं कि बेटी के कुछ बॉडी पार्ट्स मिल जाएं, जिससे उसका अंतिम संस्कार कर सकूं।’
‘कोर्ट ने कहा है कि केस का फैसला आने तक कोई बॉडी पार्ट नहीं दे सकते। इसी साइंटिफिक एविडेंस से केस का फैसला आएगा। फाइनल डिसीजन होगा, तभी हमें अंतिम संस्कार के लिए बॉडी पार्ट्स मिल पाएंगे। इसलिए मैं बस इंतजार कर रहा हूं। ये इंतजार कितना लंबा होगा, अभी नहीं पता।
श्रद्धा के पिता विकास वाकर ( Vikas Walker )ने आफताब के परिवार पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था, ‘आफताब के माता-पिता की भी जांच होनी चाहिए। मुंबई पुलिस ने शुरुआत में बड़ी लापरवाही बरती है। मेरी बेटी ने शुरुआत में आफताब की शिकायत की थी, उसे पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया।’
‘इसके बाद केस ओपन हुआ, तब आफताब के परिवार वाले घर छोड़कर चले गए। मुझे लगता है कि पूरे मामले में उनकी भी भूमिका रही होगी। इसलिए जांच होनी चाहिए।’
‘मुंबई पुलिस से मैं पहले ही शिकायत कर चुका हूं। श्रद्धा ने मुंबई पुलिस को शिकायत की थी, तभी कहा था कि आफताब उसे जान से मारने और टुकड़े करने की धमकी देता है। इसी से आफताब की साजिश का पता चलता है। फिर भी मुंबई पुलिस ने एक्शन नहीं लिया।’
‘अगर पुलिस ने सही समय पर एक्शन लिया होता, तो मेरी बेटी जिंदा होती। मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। मुंबई से दिल्ली आकर कोर्ट के चक्कर लगाना बहुत मुश्किल है।‘जब उसे अपने किए पर पछतावा नहीं है, तो ऐसे आदमी को जिंदा रखने का क्या फायदा। अगर उसे फांसी देना है, तो जल्दी देना चाहिए।