ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar ) देश के मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे। वह मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की जगह लेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi ) की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय चयन समिति ने सोमवार शाम को ज्ञानेश कुमार के नाम की सिफारिश की, जिस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मुहर लगाई। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। वहीं, डॉ. विवेक जोशी तीन सदस्यीय चुनाव आयोग के नए सदस्य होंगे।
अभी तक की परंपरा के अनुसार सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त को ही मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया जाता रहा है। राजीव कुमार के बाद ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar ) सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त हैं। चुनाव आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक है। ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए जाने के कारण उनकी जगह रिक्त हुए पद पर डॉ. विवेक जोशी (Dr Vivek Joshi)की नियुक्ति की गई है।
हरियाणा के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी (Dr Vivek Joshi) अब भारतीय निर्वाचन आयोग में निर्वाचन आयुक्त होंगे। 1989 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी विवेक जोशी ने पिछले साल एक नवंबर को केंद्र सरकार से प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद हरियाणा के मुख्य सचिव का कार्यभार संभाला था।
बता दें कि राजीव कुमार 18 फरवरी यानी मंगलवार को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति की साउथ ब्लाक कार्यालय में बैठक हुई। इसमें पांच नाम रखे गए लेकिन नेता विपक्ष और समिति के सदस्य राहुल गांधी ने इन सभी नामों पर असहमति दर्ज कराई। समिति में पीएम मोदी और राहुल गांधी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह भी सदस्य हैं।

बता दें कि 61 वर्षीय ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar ) पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय का हिस्सा थे। उनकी प्रमुख जिम्मेदारियों में अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने वाले विधेयक का मसौदा तैयार करने में मदद करना और पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करना शामिल था। उस वक्त वह गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (कश्मीर संभाग) थे।ठीक इसके एक साल बाद गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में ज्ञानेश कुमार ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के बारे में सुप्रीम कोर्ट के मामले से संबंधित दस्तावेजों को भी संभाला।सूत्रों की मानें तो ज्ञानेश कुमार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। वे पिछले साल जनवरी में सहकारिता मंत्रालय के सचिव के रूप में सिविल सेवा से सेवानिवृत्त हुए, जिसका नेतृत्व भी गृहमंत्री अमित शाह करते हैं।
बता दें कि ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar ) निवर्तमान राजीव कुमार की जगह लेंगे। ज्ञानेश कुमार इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव और अगले साल बंगाल, असम और तमिलनाडु में होने वाले चुनावों की देखरेख करेंगे।ज्ञानेश कुमार केरल कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। चुनाव आयोग में वह तीन सदस्यीय पैनल के दो आयुक्तों में से वरिष्ठ हैं। इसी पैनल पैनल के दूसरे आयुक्त उत्तराखंड कैडर के अधिकारी सुखबीर सिंह संधू हैं। इस पैनल का नेतृत्व राजीव कर रहे थे।
नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार गुप्ता (Gyanesh Kumar ) की जन्म स्थली आगरा है। उनके पिता डॉ. सुबोध कुमार गुप्ता और मां सत्यवती गुप्ता विजय नगर कॉलोनी में रहते हैं। पिता मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद से रिटायर हो चुके हैं। पिता के सरकारी नौकरी में होने की वजह से तबादला होते रहे और ज्ञानेश कुमार की शिक्षाहोने की वजह से शिक्षा गोरखपुर, लखनऊ और कानपुर से हुई। ज्ञानेश के परिवार में ज्यादातर चिकित्सक हैं पर उन्होंने अलग रास्ता चुना।
ज्ञानेश बचपन से ही प्रतिभाशाली थे। वाराणसी के क्वींस कॉलेज में वह टॉपर रहे। 12वीं उन्होंने लखनऊ के काल्विन तालुकेदार कॉलेज से की, यहां भी टॉप किया। इसके बाद आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इसके बाद वे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने दिल्ली चले गए। वहां एक साल उन्होंने हुडको में भी काम कया। 1988 में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास की और केरल कैडर के आईएसएस अधिकारी बन गए। पहली नियुक्ति उन्हें तिरुवनंतपुरम में बतौर डीएम मिली। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया है।
ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar ) की बड़ी बेटी मेधा रूपम वर्तमान में कासगंज जिले की जिलाधिकारी हैं। उनके पति मनीष बंसल भी आईएएस हैं और दोनों 2014 बैच के आईएएस हैं। उनकी दूसरी बेटी अभिश्री आईआरएस अधिकारी हैं और उनके पति अक्षय लाबरू आईएएस हैं। उनके बेटे अरनव पढ़ाई कर रहे हैं। ज्ञानेश के भाई मनीष कुमार आईआरएस अधिकारी हैं और बहन रोली इंदौर में विद्यालय चलाती हैं, उनके पति उपेंद्र जैन आईपीएस हैं।