दिल्ली ( Delhi ) के हाई प्रोफाइल इलाके चाणक्यपुरी में शुक्रवार (7 मार्च) सुबह भारतीय विदेश सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी (IFS officer ) ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। अधिकारी की पहचान जितेंद्र रावत के रूप में हुई है। रावत डिप्रेशन से पीड़ित थे। उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे विदेश मंत्रालय की आवासीय सोसायटी में अपने रेजिडेंशियल बिल्डिंग की छत से छलांग लगा दी।
भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के 2011 बैच के एक अधिकारी जितेंद्र रावत ने शुक्रवार को दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में एक इमारत की चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। जितेंद्र रावत विदेश मंत्रालय में ‘ओवरसीज एंप्लॉयमेंट्स एंड प्रोटेक्टरेट जनरल ऑफ एमिग्रेंट्स’ के निदेशक थे।
सूत्रों ने बताया कि अवसाद से ग्रस्त अधिकारी का इलाज किया जा रहा था और उनकी 70 वर्षीय मां चाणक्यपुरी क्षेत्र में विदेश मंत्रालय आवासीय परिसर की पहली मंजिल पर उनके साथ रह रही थीं।‘‘अधिकारी की पत्नी और बच्चे देहरादून में रह रहे हैं।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘मृतक आईएफएस अधिकारी (IFS officer ) की पहचान जितेंद्र रावत (42) के रूप में की गई है, जो इमारत की पहली मंजिल पर रहते थे। वह चौथी मंजिल पर गए और वहां से छलांग लगा दी। हमें घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।’’
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दिल्ली स्थित उसके मुख्यालय में कार्यरत एक अधिकारी की शुक्रवार सुबह “मृत्यु हो गई”, लेकिन मंत्रालय ने उसका नाम उजागर नहीं किया।मंत्रालय ने कहा कि वह मृतक के परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध करा रहा है और दिल्ली पुलिस के संपर्क में है।
पुलिस के अनुसार, उसे सुबह 6.20 बजे सोसायटी के सुरक्षा गार्ड से घटना के संबंध में पीसीआर कॉल मिली। पुलिस ने बताया कि गंभीर रूप से घायल आईएफएस अधिकारी को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस के एक सूत्र ने कहा, ‘‘आईएफएस अधिकारी(IFS officer ) का कोई पारिवारिक विवाद नहीं था और 10 महीने पहले बेल्जियम से वापस आने के बाद से ही वह अवसाद से जूझ रहे थे। रावत 10 महीने से दिल्ली में रह रहे थे।’’बेल्जियम के अलावा, अधिकारी की म्यांमा में भी नियुक्ति थी।
वहीं, सुबह के समय जब आसपास के लोगों को इस घटना के बारे में जानकारी हुई तो तरह-तरह चर्चाएं शुरू हो गईं। कोई इस घटना को पारिवारिक कलह तो कोई दूसरे एंगल से जोड़ रहा है। हालांकि, घटना के पीछे का सच क्या है, यह अभी जांच का विषय है।