उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के मथुरा ( Mathura) जिले में पुलिस ने एक लाख रुपये के इनामी गैंगस्टर असद उर्फ फाति(Gangster Asad alias Fati ) को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। उसकी यूपी के साथ ही राजस्थान, जम्मू कश्मीर सहित कई राज्यों तलाश थी। शातिर पर तीन दर्जन से अधिक हत्या और डकैती के मामले दर्ज थे। मारा गया बदमाश हापुड़ जिले का रहने वाला था।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने बताया कि मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश पांडे के नेतृत्व में चलाए गए अभियान में आरोपी फाति उर्फ असद (Gangster Asad alias Fati ) को गोली लगी है। उन्होंने बताया कि उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
डीजीपी ने बताया कि फाति (Gangster Asad alias Fati ) छैमार गिरोह का सरगना था और उत्तर प्रदेश, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों में लूट, डकैती और हत्या के तीन दर्जन से अधिक मामलों में वांछित था। संगठित अपराध के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई में उसकी मौत को एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।
मथुरा के एसएसपी शैलेश पांडे ने बताया कि मुखबिर की सूचना के बाद मथुरा पुलिस ने गैंगस्टर को घेरा था। खुद का घिरता देख गैंगस्टरअसद उर्फ फाति (Gangster Asad alias Fati ) ने साथियों के साथ मिलकर पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में फायर किए। इस दौरान गैंगस्टर को गोली लगी। मौका पाकर उसके अन्य साथी वहां से भाग निकले। पुलिस घायल बदमाश को लेकर अस्पताल पहुंची, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस मामले में अग्रिम कार्रवाई कर रही है। वहीं उसके फरार साथियों की तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
मथुरा पुलिस के मुताबिक, असद पुत्र यासिन हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर का रहने वाला था। वह छैमार गिरोह का सरगना था। उस पर 36 से ज्यादा लूट, डकैती और हत्या के केस दर्ज थे। यूपी के अलावा राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में भी FIR दर्ज थीं। उसके पास से ऑटोमैटिक गन, पिस्टल, खोखे और जिंदा कारतूस मिले हैं।
बदमाश फाती (Gangster Asad alias Fati )का एक नाम नहीं, बल्कि वसीम, असद, पहलवान, बबलू, यासीन, मोहसिन समेत 12 नाम थे। फाती जिस नए शहर में जाता, वहां नए नाम के साथ रहने लगता, ताकि पुलिस उसे पकड़ न सके। नाम के साथ-साथ वह अपना हुलिया भी बदलता रहता था।
पुलिस के मुताबिक, फाती (Gangster Asad alias Fati )के गिरोह में घुमंतू जाति के सैकड़ों सदस्य शामिल हैं। सदस्यों के पास अलग नाम और पते के आधार कार्ड और वोटर आईडी भी होती थीं। 2016 में फाती को STF लखनऊ यूनिट ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने बताया था कि लूट और डकैती करना उसका खानदानी पेशा है।
उसे जेल भेजा गया था, लेकिन उसने फर्जी जमानतदार लगाए थे। जेल से बाहर आने के बाद वह फरार हो गया। उसके जमानतदार भी नहीं मिल रहे थे। 2021 में फाती के खिलाफ जौनपुर में गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज हुआ था, तब उस पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था।