उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के शाहजहांपुर ( Shahjahanpur ) में स्थित गांव मानपुर चचरी में एक पिता ने धारदार हथियार से अपने चार बच्चों ( Four Kids ) की निर्ममता से हत्या कर दी। वारदात के बाद उसने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। मरने वाले बच्चों में तीन बेटियां और एक बेटा है। बुधवार को हुई इस घटना में मारे गए बच्चों और कातिल पिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट में पिता राजीव द्वारा की गई निर्दयतापूर्वक हत्या का पूरा ब्योरा है। राजीव ने एक-एक कर बच्चों का मुंह दबाया फिर गड़ासा से वार कर मौत के घाट उतार दिया।
चार बच्चों ( Four Kids ) की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, गड़ासे का एक ही वार किया गया है। कीर्ति और प्रगति पेट के बल लेटी हुई थीं। उनकी गर्दन पीछे से कटी हुई थी। स्मृति और ऋषभ का सामने से गला कटा हुआ था। गड़ासे को उसने चारपाई पर ही रख दिया। संभावना है कि बेड को खड़ा करने के बाद स्लैब पर चढ़कर साड़ी को कुंडे में फंसाकर फंदे से लटक गया। उसके हाथ खून से रंगे हुए थे।
मामले में अब नए खुलासे हुए हैं। हादसे से पहले 14 साल तक कातिल बाप राजीव पत्नी और बच्चों के साथ गरीबी के बावजूद हंसी-खुशी बसर करता था। कौशल्या के मुताबिक, पहले वह बच्चों को बहुत चाहता था। हादसे के बाद उसका खुद पर नियंत्रण नहीं रह गया था। वह अचानक हिंसक हो जाता था। कई बार पुलिस भी बुलानी पड़ी थी। स्थिति को देखते हुए पुलिस भी समझा-बुझाकर लौट जाती थी। अक्सर कहता था कि सबको मारकर वह खुद मर जाएगा। हालांकि, वह ऐसा कर ही देगा, इसका बिल्कुल यकीन नहीं था
राजीव की बड़ी बेटी 13 वर्षीय स्मृति गांव के स्कूल में कक्षा आठ और कीर्ति (नौ वर्ष) कक्षा पांच में पढ़ती थी। बताया जा रहा है कि रात करीब 11 बजे बेटी कीर्ति अपने दादा पृथ्वीराज के पास आकर लेटी तो राजीव उसे उठाकर कमरे में ले गया और दरवाजा बंद कर लिया। छोटी बेटी प्रगति (सात वर्ष) और बेटा ऋषभ (पांच वर्ष) पहले से ही चारपाई पर सो रहे थे। रात 12 बजे तक पृथ्वीराज ने शौचालय के टैंक के ऊपर से झांककर देखा तो बच्चे चारपाई में मच्छरदानी के अंदर सो रहे थे।
पृथ्वीराज के मुताबिक, रात में चारों बच्चों ( Four Kids ) के साथ राजीव घर में सोया था। बृहस्पतिवार सुबह सात बजे उन्होंने पौत्र को चाय पीने के लिए बुलाया। काफी देर बाद भी कोई जवाब नहीं मिला तो वह बाहर बने शौचालय से चढ़कर घर में दाखिल हुए। अंदर एक चारपाई पर स्मृति, दूसरी पर ऋषभ, तीसरी पर कीर्ति और प्रगति के लहूलुहान शव पड़े थे। चारों के गले रेते गए थे। वारदात से पहले दिन में ही उसने अपनी पत्नी कौशल्या को पीटकर घर से भगा दिया था।
राजीव के दिमाग में आत्मघाती विचार काफी समय से चल रहे थे। एक बार वह सल्फास की गोलियां भी ले आया था। कौशल्या ने किसी तरह उनको तालाब में फेंक दिया था। यह बात पता चलने पर उसने कौशल्या को पीटा भी था। उसने कहा था कि कितनी बार फेंकोगी? तुम्हें मार डालूंगा और जेल चला जाऊंगा।
राजीव के पिता पृथ्वीराज ने बताया कि एक वर्ष पूर्व राजीव और उसकी पत्नी कौशल्या उर्फ कांति बाइक से गांव आ रहे थे। भावलखेड़ा सीएचसी के पास ट्रॉली से बाइक टकरा गई थी। सिर पर चोट लगने के बाद से राजीव अजीब हरकतें करने लगा था। वह अपने आप से ही बातें करता रहता था। बगैर किसी वजह से झगड़ा करने लगता था। बरेली के मानसिक चिकित्सालय से उसका इलाज भी चला। दवा खाने तक ठीक रहता था।