वाराणसी (Varanasi) क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर (crime branch inspector) तरुण पांडेय ने सुसाइड करने से पहले पत्नी से फोन पर बात की थी। पुलिस के मुताबिक, पत्नी ने शराब पीने से रोका तो विवाद शुरू हो गया। इंस्पेक्टर जोर-जोर से चिल्लाने लगे। पत्नी से कहा- तुम्हें मौत की आवाज सुनाता हूं।
राइफल से गोली चलाई और उसकी आवाज रिकॉर्ड कर पत्नी को भेजी। फिर दो पेज का सुसाइड नोट लिखा, जिसे पत्नी को वॉट्सऐप किया। वॉयस मैसेज भी भेजा। इसके बाद इंस्पेक्टर ने खुद के सिर में गोली मार ली।
पुलिस को इंस्पेक्टर( inspector) के फोन से वॉयस मैसेज मिले हैं। आखिरी कॉल उन्होंने पत्नी को की थी। मामले में अभी तक किसी भी परिजन ने तहरीर नहीं दी है। पोस्टमॉर्टम के बाद इंस्पेक्टर का शव लेकर परिजन रवाना हो गए।
प्रयागराज(Prayagraj ) में 6 मार्च की शाम इंस्पेक्टर तरुण पांडेय (52) ने लाइसेंसी राइफल से सिर में गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। वह वाराणसी क्राइम ब्रांच में तैनात थे। कुछ दिनों से प्रयागराज में म्योर रोड स्थित घर पर अकेले रहते थे।

गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़कर पहुंचे, लेकिन अंदर से गेट बंद था। आवाज देने पर कोई रिस्पान्स नहीं मिला तो पड़ोसियों ने 112 नंबर पर फोन कर पुलिस बुलाई। पुलिस गेट फांदकर अंदर गई तो इंस्पेक्टर का खून से लथपथ शव बेड पर पड़ा था।
पुलिस के मुताबिक, इंस्पेक्टर( inspector) तरुण पांडेय ने कनपटी में गोली मारी। शव बेड पर था। दोनों पैर जमीन की तरफ थे और पैर के बीच में राइफल थी। आधा शरीर बेड पर और पैर बेड से नीचे थे। जमीन पर बीयर की एक बोतल भी गिरी थी।
इंस्पेक्टर के एक हाथ में मोबाइल था, जिसमें दिख रहा था कि वह किसी को वॉयस रिकॉर्डिंग भेजने जा रहे थे। वॉयस रिकॉर्डर ऑन था, हालांकि क्या कुछ रिकॉर्ड हो पाया था या नहीं, इस पर पुलिस अभी कुछ बता नहीं रही है।
इंस्पेक्टर( inspector) तरुण पांडेय की आत्महत्या के बाद सोमवार को पत्नी पूनम पांडेय पोस्टमार्टम हाउस पहुंची। मीडिया ने जब उनसे बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। तरुण पांडेय के बेटे इशान पांडेय का कहना है कि उनकी घटना के दिन सुबह पिता से बात हुई थी।उस समय सभी चीजें नार्मल थी। वहीं सुसाइड नोट को लेकर बेटे से पूछने पर उन्होंने कोई भी जानकारी होने से इनकार कर दिया।
फोरेंसिक टीम ने कमरे की जांच में पाया कि एक गोली मिस हो गई, जबकि दूसरी गोली गले के निचले हिस्से को चीरती हुई सिर के ऊपरी हिस्से से आर-पार हो गई। इसके बाद गोली छत पर जा लगी। छत का प्लास्टर उखड़ गया।
खून से लथपथ इंस्पेक्टर का चेहरा पहचानना मुश्किल हो रहा था। क्योंकि, गले में गोली लगने से उनकी आंखें तक बाहर निकल आई थीं। पुलिस के मुताबिक इंस्पेक्टर ने पैर की अंगुली से राइफल का ट्रिगर दबाया था।
पत्नी बेटे के पास बेंगलुरु गई थी प्रयागराज के थरवई के रहने वाले सुनील यादव इंस्पेक्टर तरुण पांडेय की कार चलाते थे। उसने बताया कि साहब ने हमें 10 दिन पहले छुट्टी दी थी और कहा था कि तुम अपने घर जाओ। हम इलाज के लिए दिल्ली जा रहे हैं। दिल्ली से आने पर कॉल करके बुलाएंगे। शनिवार को ही वह दिल्ली से प्रयागराज लौटे थे।