उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) में सरकारी योजनाओं के पैसे का बंदरबांट चल रहा है,आँकड़ों की बाजीगरी चल रही है,इसका उदाहरण आगरा ( Agra ) में “जननी सुरक्षा योजना’ (Janani Suraksha Yojana )में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक महिला 25 बार मां बनी और पांच बार उसकी नसबंदी की गई। खाते में 45 हजार रुपये का भुगतान हुआ।
जननी सुरक्षा योजना (Janani Suraksha Yojana )और नसबंदी में एक ही महिला को 30 बार भुगतान करने का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहाबाद पहुंचकर जांच के आदेश दिए। महिला के खाते में ढाई वर्ष में 25 बार प्रसव और पांच बार नसबंदी का भुगतान किया गया। जांच में कई और मामलों का भी खुलासा हुआ।
जननी सुरक्षा योजना व नसबंदी में दो गांवों की तीन और महिलाओं के 52 बार प्रसव और 9 बार नसबंदी दर्शाते हुए सरकारी रकम हड़प ली। इसमें 55 वर्षीय एक महिला की तो 22 साल पहले ही नसबंदी हो चुकी है। इसका भी 3 साल में 18 बार प्रसव और 3 बार नसबंदी दिखा दी।
स्वास्थ्य विभाग में हुए वर्ष 2021-22 व 22-23 में जननी सुरक्षा योजना (Janani Suraksha Yojana )व नसबंदी के तहत कृष्णा पत्नी छोटू निवासी नगला कदम सिकरारा थाना फतेहाबाद को 30 बार भुगतान किया गया है, जिसमें 25 प्रसव व 5 बार नसबंदी का 45 हजार रुपये का भुगतान हुआ। ऐसे एक दर्जन के करीब मामले मिले हैं, जिन्हें एक से अधिक बार भुगतान किया गया है।
ऑडिट में टीम की ओर से मामला पकड़े जाने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। इसको लेकर मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी अरुण श्रीवास्तव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहाबाद पहुंचे।उन्होंने अधीक्षक सहित अन्य कर्मचारियों के साथ बैठक की। ट्रांसफर किए गए अकाउंट नंबर की डिटेल भी निकलवाई।
स्वास्थ्य विभाग की जांच में 2021-22 और 2022-23 सत्र में फतेहाबाद के नगला कदम निवासी सुनीता और मछला देवी के नाम से 18 प्रसव, 3 नसबंदी और रसूलपुर की राजकुमारी के नाम से 17 बार प्रसव और 3 बार नसंबदी दिखाते हुए 31,000-31,000 रुपये और 29,800 रुपये खाते में आए। इनकी जांच करने के लिए टीम गांव पहुंची, जिसमें पता चला कि सुनीता (55) पत्नी दीपचंद की 36 साल पहले शादी हुई थी। दो बेटे एक बेटी हैं और तीनों की शादी हो चुकी है। सबसे छोटा बेटा 22 साल है।
जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी के भुगतान में बेखौफ होकर लाखों का फर्जीवाड़ा स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक, डाक्टर, नर्स और कर्मचारियों ने मिलकर किया है। फर्जी भुगतान कराने के लिए महिला का नाम और बैंक खाता तक नहीं बदला गया, एक ही महिला के नाम पर प्रसव कराने के लिए दो तरह के भुगतान किए गए। वहीं, आडिट के दौरान लाभार्थियों को किए गए भुगतान के लिए फार्म, डिलीवरी रजिस्टर, महिला नसबंदी फार्म, महिला नसबंदी रजिस्टर सहित अन्य दस्तावेज आडिट के लिए प्रस्तुत नहीं किए गए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पूरे प्रकरण को लेकर कर्मचारियों के साथ बैठककर जांच करने के निर्देश दिए हैं। इसमें जांच टीम की ओर से भुगतान हुए बैंक खातों की पूरे डिटेल निकाली जा रही है। इन बैंक खातों में किसके मोबाइल नंबर प्रयोग हो रहे हैं। यह भी देखा जा रहा है ऐसी कई महिला के खाते हैं, जिनमें कई बार भुगतान हुआ है।
वहीं, कृष्णा ने बताया कि उसका कई वर्ष पहले गांव के ही एक व्यक्ति ने खाता खुलवाया था। खाते में उसी व्यक्ति का मोबाइल नंबर लगा हुआ है। उसी ने यह हेरफेर की है। मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीम उस व्यक्ति की तलाश कर रही है।नसबंदी व प्रसव घोटाले के सरगना समेत दो स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों को केस दर्जकर जेल भेज दिया है।
जननी सुरक्षा योजना (Janani Suraksha Yojana ) एक केंद्र सरकार की योजना है जिसका मकसद मातृ एवं नवजात मृत्यु दर को कम करना है। यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आती है।इस योजना के तहत, प्रसव के बाद महिलाओं को नकद सहायता दी जाती है। इसके अलावा, प्रसव की व्यवस्था और प्रसव के बाद की देखभाल भी की जाती है।