नेशनल हेराल्ड मामले( National Herald Case) में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कसते हुए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपपत्र दायर किया है। जांच एजेंसी की ओर से दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया गया है। ईडी ने दोनों नेताओं को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाया है। ईडी की ओर से दाखिल किए गए आरोपपत्र पर राउज एवेन्यू कोर्ट में 25 अप्रैल को सुनवाई होगी।
राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा- पीएमएलए 2002 की धारा 44 और 45 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के लिए ईडी ने एक नई शिकायत दायर की है। इसे धारा 3 के साथ धारा 70 के तहत डिस्क्राइब किया गया है। यह पीएमएलए, 2002 की धारा 4 के तहत दंडनीय है।
हालांकि इस मामले की सुनवाई राउज एवेन्यू कोर्ट में एडीशनल चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट के पास चल रही है। लेकिन जस्टिस गोगने ने कहा कि की धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 44(1)(C) के तहत सुनवाई उसी अदालत में की जानी चाहिए जिसने पीएमएलए की धारा 3 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग केस पर संज्ञान लिया है। दोनों अपराधों का फैसला एक ही क्षेत्राधिकार में किया जाना चाहिए।
बता दें कि ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले( National Herald Case) शनिवार को 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने के लिए नोटिस जारी किया था। दरअसल ये नोटिस जिनमें परिसर खाली करने की मांग की गई थी – दिल्ली, मुंबई के बांद्रा क्षेत्र और लखनऊ में बिशेश्वर नाथ रोड स्थित एजेएल भवन में संपत्तियों पर चिपकाए गए थे।

नेशनल हेराल्ड मामला ( National Herald Case) एक लंबे समय से चल रहा कानूनी और राजनीतिक विवाद है, जो नेशनल हेराल्ड अखबार और उसकी मूल कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़ा है। यह मामला 2012 में तब सुर्खियों में आया जब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस नेताओं, खासकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में शिकायत दर्ज की।
2012 में भाजपा के नेता और देश के नामी वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा के खिलाफ मामला दर्ज कराया। तब केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी। सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि यंग इंडिया लिमिटेड ने 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और लाभ हासिल करने के लिए गलत तरीके से निष्क्रिय प्रिंट मीडिया आउटलेट की संपत्ति को अधिग्रहित किया।
स्वामी ने यह भी आरोप लगाया कि वाईआईएल ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान किया था, जो एजेएल पर कांग्रेस पार्टी का बकाया था। यह राशि पहले अखबार शुरू करने के लिए कर्ज के रूप में दी गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड को दिया गया कर्ज अवैध था, क्योंकि यह पार्टी के फंड से लिया गया था।
जवाहरलाल नेहरू ने 1938 में नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की स्थापना की थी। इस न्यूज पेपर को एजेएल द्वारा प्रकाशित किया जाता था। हालांकि साल 2008 में वित्तीय संकट आने के बाद इसे बंद करना पडा। इसके बाद इस विवाद की शुरुआत हुई। साल 2010 में यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) नाम की कंपनी बनी, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की 38-38 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।