Saturday, April 19, 2025

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बोले- अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकतीं, अनुच्छेद–142 न्यूक्लियर मिसाइल बना,जज ‘सुपर संसद’ की तरह काम कर रहे

Vice President Jagdeep Dhankhar takes on judiciary Article 142 has become a nuclear missile, you can't direct the President

 उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (  ) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर नाराजगी जताई, जिसमें राष्ट्रपति और राज्यपालों को विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा (3 महीने) तय की गई थी। उन्होंने कहा कि अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकतीं, क्योंकि राष्ट्रपति संवैधानिक रूप से सर्वोच्च पद पर हैं और संविधान की रक्षा, संरक्षण व संवर्धन की शपथ लेते हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ( Jagdeep Dhankhar ) ने तर्क दिया कि यह लोकतंत्र के खिलाफ है और संविधान का अनुच्छेद 142, जो सुप्रीम कोर्ट को विशेष शक्तियां देता है, “लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ परमाणु मिसाइल” बन गया है। उन्होंने तमिलनाडु मामले का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के फैसलों की न्यायिक समीक्षा चिंताजनक है।

धनखड़ ( Jagdeep Dhankhar ) ने कहा कि अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकतीं। उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 142 के तहत कोर्ट को मिला विशेष अधिकार लोकतांत्रिक शक्तियों के खिलाफ 24×7 उपलब्ध न्यूक्लियर मिसाइल बन गया है। जज सुपर पार्लियामेंट की तरह काम कर रहे हैं।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल को तमिलनाडु गवर्नर Vs राज्य सरकार के केस में गवर्नर के अधिकार की ‘सीमा’ तय कर दी थी। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा था, ‘राज्यपाल के पास कोई वीटो पावर नहीं है।’ सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के 10 जरूरी बिलों को राज्यपाल की ओर से रोके जाने को अवैध भी बताया था।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ( Jagdeep Dhankhar ) ने जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में एक न्यायाधीश के घर पर एक घटना घटी। सात दिनों तक किसी को भी इसके बारे में पता नहीं चला। हमें खुद से सवाल पूछने होंगे। क्या देरी की वजह समझ में आती है? क्या यह माफ़ी योग्य है? क्या इससे कुछ बुनियादी सवाल नहीं उठते?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़( Jagdeep Dhankhar ) ने कहा कि जस्टिस वर्मा नकदी बरामद मामले में जज के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई। धनखड़ ने कहा कि इस देश में किसी भी संवैधानिक पदाधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है, चाहे वह आपके सामने मौजूद व्यक्ति ही क्यों न हो। इसके लिए बस कानून का शासन लागू करना होता है। इसके लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं होती।

‘अगर ये मामला किसी आम आदमी के घर होता, तो अब तक पुलिस और जांच एजेंसियां सक्रिय हो चुकी होतीं। न्यायपालिका हमेशा सम्मान की प्रतीक रही है, लेकिन इस मामले में देरी से लोग असमंजस में हैं।’

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels

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