दिल्ली ( Delhi ) के मुस्तफाबाद ( Mustafabad ) इलाके में शुक्रवार देर रात ढाई बजे 4 मंजिला बिल्डिंग ढह गई। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 लोग घायल हुए। इनमें से 5 गंभीर रूप से घायलों का इलाज अब भी जारी है। 20 साल पुरानी चार मंजिला इमारत के गिरने के बाद 12 घंटे से ज्यादा समय तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।
पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद ( Mustafabad )के दयालपुर में अवैध निर्माण ने शुक्रवार आधी रात को 11 लोगों की जानें ले ली। यह पिछले 15 सालों में दूसरा सबसे बड़ा हादसा है। इससे पहले लक्ष्मीनगर के ललिता पार्क में पांच मंजिला मकान गिरने से करीब 70 लोगों की मौत हो गई थी।
मुस्तफाबाद ( Mustafabad)के दयालपुर हादसे में तीन मंजिला 65 गज में अवैध तरीके से बना मकान जमींदोज हो गया। कमजोर नींव पर खड़े मकान में भूतल पर दो दुकानें थीं। इन्हें एक करने के लिए शुक्रवार को दिन में बीच की दीवार और एक पिलर को तोड़ दिया गया था। बचे हुए पिलर मकान का भार सह नहीं पाए और शुक्रवार रात 2:50 बजे यह मकान भरभराकर गिर गया। न पिलर बचे और न ही दीवार।
हादसे के वक्त मकान में रहने वाले 22 लोग सो रहे थे। ये सभी मलबे में दब गए। हादसा होते ही गली में हड़कंप मच गया, चीख पुकार होने लगी। लोग घरों से बाहर निकले तो धूल का गुबार था। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना देने के साथ ही मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालना शुरू किया। हाद

हादसे की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ, दमकल, पुलिस, निगम व आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर पहुंचीं। शनिवार सुबह सात बजे तक मलबे से 15 लोगों को बाहर निकाला गया। इन्हें जीटीबी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चार लोगों को मृत घोषित कर दिया गया।
इसके बाद थोड़ी-थोड़ी देर में मलबे से घायलों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया जाता रहा। शाम तक कुल 22 घायलों को जीटीबी अस्पताल पहुंचाया गया। इनमें से 11 की मौत हो गई। पांच लोग अस्पताल में भर्ती हैं और छह लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
डिविजनल फायर ऑफिसर राजेंद्र अटवाल ने बताया कि देर रात एक मकान ढहने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचे तो पता चला कि पूरी बिल्डिंग ढह गई है और लोग मलबे में फंसे हुए थे।
12 साल पहले बना था मकान पेशे से प्रापर्टी डीलर 60 वर्षीय मोहम्मद तहसीन अपने परिवार के साथ डी-26, गली नंबर-एक, शक्ति विहार, दयालपुर में एल टाइप के 65 गज में बने तीन मंजिला मकान में रहते थे। मकान के भू-तल पर दो दुकानें बनी हुई थीं। दुकानों के पीछे बने एक कमरे में खुद रहते थे। उनकी पत्नी व दो शादीशुदा बेटे पहली मंजिल पर रहते थे। दूसरी और तीसरी मंजिल पर दो परिवार किराये पर रहते थे। मोहम्मद तहसीन ने यह मकान करीब 12 साल पहले बनवाया था।
मकान मालिक के परिवार के आठ सदस्यों की मौत हादसे में मकान मालिक तहसीन सहित उनके परिवार के आठ लोगों की मौत हो गई। इसमें ससुर, एक बेटा, दो बहुएं, दो पोते, एक पोती शामिल हैं। वहीं मरने वालों में तीन किरायेदार भी शामिल हैं।
मुस्तफाबाद ( Mustafabad)के दयालपुर हादसे की खबर पर दिल्ली के सीएम रेखा गुप्ता ने X पर एक पोस्ट में कहा, “मुस्तफाबाद में इमारत गिरने की दुखद घटना से बहुत दुखी हूं। घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
लापरवाही से मौत का मामला दर्ज दयालपुर थाना पुलिस ने लापरवाही से मौत की धारा में प्राथमिकी की है। जिला पुलिस उपायुक्त आशीष मिश्रा ने बताया कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। घटनास्थल से मलबा हटाने का काम रविवार सुबह तक चल सकता है।
पिछले कई दिनों से हाजी तहसीन के मकान की ग्राउंड फ्लोर पर काम चल रहा था। दरअसल तहसीन वहां मीट की दुकान तैयार करवा रहे थे। इसके लिए कागजी कार्रवाई भी हो चुकी थी। दुकान को बड़ा करने के चक्कर में हाजी तहसीन ने बीच के पार्टीशन को निकाल दिया था। शुक्रवार को भी वहां काम हुआ।
स्थानीय लोगों का दावा है कि रात करीब 11 बजे अचानक मकान को एक झटका लगा था। बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को लगा कि शायद भूकंप का झटका है, लेकिन इसे मन का वहम मानकर लोगों ने नजरअंदाज कर दिया। इसके चंद ही घंटे बाद पूरी की पूरी इमारत जमींदोज हो गई। लोगों का कहना था कि इस पर ध्यान दिया होता तो शायद यह हादसा न होता।
हादसे में मरने वालों के नाम
- तहसीन (60)
- नजीम (30)
- शाहिना (28)
- अनस (6)
- आफरीन (2)
- अफान (2)
- चांदनी (23)
- दानिश (23)
- नावेद (17)
- रेशमा (38)
- इशाक (75)