नेपाल ( Nepal ) की एक संसदीय समिति ने पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ( Pokhara International Airport)के निर्माण में करीब 14 अरब नेपाली रुपये के भ्रष्टाचार का खुलासा किया है। इस खुलासे में बताया गया कि हवाई अड्डा निर्माण एक चीनी कंपनी ने चीन से आसान ऋण के साथ किया था। सांसद राजेंद्र लिंगडेन के नेतृत्व में प्रतिनिधि सभा (निचले सदन) की लोक लेखा समिति के तहत उप-समिति की एक रिपोर्ट में ये अनियमितताएं पाने पर परियोजना में शामिल कई वरिष्ठ अफसरों के विरुद्ध जांच व कार्रवाई की मांग की गई।
उप-समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की सरकारी कंपनी सीएएमसी इंजीनियरिंग ने परियोजना को निर्देश के अनुसार पूरा नहीं किया और खराब गुणवत्ता वाले निर्माण का उपयोग किया। इसके पहले सीएएमसी ने परियोजना की लागत बढ़ा दी और अपने स्वयं के व्यावसायिक हितों को प्राथमिकता देते हुए गुणवत्ता नियंत्रण बनाए रखने के नेपाल के प्रयासों को कमजोर कर दिया।
लोक लेखा समिति के तहत उप-समिति ने नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के महानिदेशक प्रदीप अधिकारी व परियोजना में अन्य लोगों सहित वरिष्ठ अफसरों को निलंबित करने की भी सिफारिश की। समिति के मुताबिक, इसने प्राधिकरण के दुरुपयोग की जांच के लिए आयोग (सीआईएए) और मनी लॉन्ड्रिंग जांच विभाग को पोखरा परियोजना के प्रमुख बिनेश मुनाकर्मी, प्रशासन के प्रमुख राजेंद्र प्रसाद पौडेल, सीएएएन के निदेशक व इंजीनियर बाबूराम पौडेल के विरुद्ध भी सिफारिश की है।
हिमालय की तलहटी में स्थित पर्यटन स्थल पोखरा में बना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ( Pokhara International Airport)नेपाल के लिए सफेद हाथी साबित हुआ है। यह चीन के कर्ज में गरीब देशों के फंसने का सीधा उदाहरण है। पोखरा के लिए हफ्ते में सिर्फ एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान है। भारत से पोखरा में कोई सीधी उड़ान नहीं है।